हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्तों को तनावपूर्ण बना दिया है। इस हमले के बाद से नियंत्रण रेखा (LOC) पर पाकिस्तान द्वारा की गई सैन्य गतिविधियों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है। पाकिस्तान ने न केवल अपनी सेना की तैनाती बढ़ाई है, बल्कि भारी हथियार और तोपों को भी सीमा के नजदीक तैनात किया है। इससे LOC पर स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई है।
पहलगाम हमला – एक संक्षिप्त विवरण
15 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले में चार भारतीय जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हुए। माना जा रहा है कि यह हमला सीमा पार से आए आतंकवादियों द्वारा किया गया, जिनका सीधा संबंध पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों से था। भारत ने इस हमले की कड़ी निंदा की और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही।
LOC पर पाकिस्तान की गतिविधियाँ
हमले के कुछ ही दिनों बाद LOC पर पाकिस्तान ने अपनी सेना की तैनाती बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने पुंछ, राजौरी, और उड़ी सेक्टर में बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों को भेजा है। इसके अलावा रडार सिस्टम और गश्त भी बढ़ा दी गई है। इन गतिविधियों से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की ओर से LOC पर जानबूझकर तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने भी LOC पर चौकसी बढ़ा दी है और किसी भी प्रकार की घुसपैठ को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई है कि वह किसी भी आक्रामक कार्रवाई का मुँहतोड़ जवाब दे सके।
राजनीतिक और कूटनीतिक पहल
भारत ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बनाई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों का दुनिया को सच दिखाया जाएगा। इसके साथ ही भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संगठनों से इस हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पहलगाम हमला केवल एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधी चोट है। LOC पर पाकिस्तान की सेना की तैनाती यह दिखाती है कि वह स्थिति को और भड़काना चाहता है। ऐसे समय में भारत को सतर्क रहकर रणनीतिक और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर मजबूत कदम उठाने की जरूरत है।
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