गेहूं खरीद को लेकर किसानों को राहत: CM नायब सैनी ने दिया भरोसा
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी ने हाल ही में एक बड़ा ऐलान किया है, जिससे राज्य के किसानों को बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ही की जाएगी और किसानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
इस आश्वासन के साथ सरकार ने यह साफ कर दिया है कि किसानों के हित सर्वोपरि हैं और किसी भी तरह से उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
क्या है MSP और क्यों है यह जरूरी?
MSP (Minimum Support Price) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य वह कीमत होती है, जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदने की गारंटी देती है। इसका मकसद यह है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके और वे बाजार की अनिश्चितताओं से सुरक्षित रह सकें।
हर साल केंद्र सरकार विभिन्न फसलों के लिए MSP घोषित करती है। इस साल गेहूं का MSP ₹2,275 प्रति क्विंटल तय किया गया है।
मुख्यमंत्री का बयान क्यों है अहम?
हाल ही में मंडियों में खरीद प्रक्रिया को लेकर कुछ अफवाहें और आशंकाएं फैल रही थीं कि सरकार गेहूं की खरीद MSP से नीचे कर सकती है या खरीद प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
इन्हीं शंकाओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा:
“किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है, सरकार उनकी हर फसल को MSP पर खरीदेगी। व्यवस्था को और पारदर्शी और तेज बनाने के लिए तकनीकी उपाय भी किए जा रहे हैं।”
इस बयान से साफ हो गया कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और मंडियों में किसी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंध
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डिजिटल खरीद पोर्टल: किसानों को अब अपनी फसल ऑनलाइन पंजीकृत करनी होती है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी हो गई है।
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सीधे खाते में भुगतान: सरकार ने यह भी तय किया है कि फसल का भुगतान किसानों के बैंक खातों में सीधे किया जाएगा।
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मंडियों में सुविधा: गेहूं की तुलाई, बोरियों की व्यवस्था और ट्रॉली की एंट्री आदि को सुचारू रूप से किया जा रहा है।
किसानों की प्रतिक्रिया
कई किसानों ने मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत किया है। उनका कहना है कि पहले कुछ भ्रम की स्थिति थी, लेकिन अब सरकार ने जो स्पष्टता दी है, उससे उन्हें राहत महसूस हो रही है।
किसान नेता भी सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि खरीद प्रक्रिया को और तेज व सुगम बनाया जाए, ताकि किसी भी किसान को मंडियों में भटकना न पड़े।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री नायब सैनी का यह ऐलान न केवल एक राजनीतिक बयान है, बल्कि किसानों के विश्वास को मज़बूत करने वाला कदम भी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद हर किसान का हक है और सरकार की यह प्रतिबद्धता स्वागत योग्य है।
हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसानों को राहत देना सरकार की प्राथमिकता होनी भी चाहिए, और यह बयान उसी दिशा में एक मजबूत पहल है।
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