म्यांमार: 7.7 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप
28 मार्च 2025 को म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसे देश के पिछले एक सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक माना जा रहा है। इस भूकंप में अब तक 3,700 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है, 5,000 से अधिक घायल हैं, और 200,000 से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। भूकंप के चलते 49,000 से अधिक घर और 2,100 से अधिक सरकारी भवन नष्ट हो गए हैं, जिससे देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
इस भूकंप के बाद 468 से अधिक आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए हैं, जिनमें से एक 13 अप्रैल को आया, जिससे टाटकों टाउनशिप में एक बांध ढह गया।
🇹🇭 थाईलैंड: भूकंप के प्रभाव और राहत प्रयास
म्यांमार में आए भूकंप का प्रभाव थाईलैंड में भी महसूस किया गया, जहां बैंकॉक में एक निर्माणाधीन 33-मंजिला इमारत ढह गई, जिसमें 44 लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से अधिक लोग लापता हैं। इसके अलावा, थाईलैंड के 18 प्रांतों में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे कई अस्पतालों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचा है।
🇮🇳 भारत: ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मानवीय सहायता
भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत म्यांमार को मानवीय सहायता प्रदान की है, जिसमें 80 सदस्यीय NDRF टीम, फील्ड अस्पताल, और 656 मीट्रिक टन राहत सामग्री शामिल है। इस अभियान के तहत 1,370 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया है, जिससे भारत की आपदा प्रबंधन क्षमताओं की सराहना हुई है।
🇺🇸 अमेरिका: कैलिफ़ोर्निया में भूकंप की चेतावनी
14 अप्रैल 2025 को कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन यह ‘द बिग वन’ की संभावना की याद दिलाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ‘द बिग वन’ एक बड़ा भूकंप हो सकता है, जिसकी तीव्रता 7 से 8 के बीच हो सकती है, जिससे व्यापक नुकसान हो सकता है।
🇳🇵 नेपाल: कर्णाली में 4.9 तीव्रता का भूकंप
4 अप्रैल 2025 को नेपाल के कर्णाली प्रांत में 4.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 8 लोग घायल हुए और कई घरों और सरकारी भवनों को नुकसान पहुंचा।
🇹🇯 ताजिकिस्तान: 5.8 तीव्रता का भूकंप
13 अप्रैल 2025 को ताजिकिस्तान के रश्ट जिले में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें एक बच्चे की मृत्यु हो गई और 29 घर और एक स्कूल नष्ट हो गए। Wikipedia
निष्कर्ष
17 अप्रैल 2025 तक, विश्वभर में भूकंपों की घटनाएं मानवीय संकट को उजागर करती हैं, विशेष रूप से म्यांमार में, जहां राहत प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। भारत, थाईलैंड और अन्य देशों की सहायता से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी हैं, लेकिन अभी भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं।
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