जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अमरनाथ यात्रा से पहले हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सुरक्षाबलों के बढ़े हुए इंतजाम और हाई अलर्ट के बावजूद आतंकियों ने पहलगाम जैसे शांतिपूर्ण और लोकप्रिय पर्यटन स्थल को टारगेट बनाया। सवाल उठता है कि आखिर आतंकियों ने हमला करने के लिए ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहे जाने वाले इस क्षेत्र को ही क्यों चुना? और इस घटना का करगिल से क्या संबंध है?
पहलगाम – सिर्फ पर्यटन स्थल नहीं, एक रणनीतिक लोकेशन
पहलगाम को आमतौर पर एक खूबसूरत हिल स्टेशन और अमरनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ाव के रूप में जाना जाता है। यह स्थान हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है। मगर इसकी भौगोलिक स्थिति इसे रणनीतिक रूप से भी अहम बनाती है।
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यह इलाका दक्षिण कश्मीर में स्थित है, जहां कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं।
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पहलगाम से अमरनाथ गुफा की ओर जाने वाला रास्ता सबसे मुख्य और सुरक्षित मार्ग माना जाता है।
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यहां हमला करके आतंकी धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं और पूरे देश में तनाव फैलाना चाहते हैं।
आतंकियों की साजिश: अमरनाथ यात्रा को अस्थिर करना
हर साल जैसे-जैसे अमरनाथ यात्रा करीब आती है, आतंकी संगठन इसे टारगेट बनाने की कोशिश करते हैं। इस यात्रा को रोकना आतंकियों के लिए एक प्रतीकात्मक जीत मानी जाती है, क्योंकि यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है।
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पहलगाम में हमला कर आतंकियों ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे अब भी घाटी में सक्रिय हैं।
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साथ ही, उन्होंने सरकार और सुरक्षाबलों को चुनौती दी है कि वे कितने भी तैयार हों, वे हमला कर सकते हैं।
करगिल से कनेक्शन – रणनीतिक सोच का हिस्सा?
इस हमले का करगिल युद्ध से गहरा संबंध माना जा रहा है। 1999 के करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान समर्थित घुसपैठिए भारत की सीमाओं में दाखिल हुए थे और रणनीतिक ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था। पहलगाम हमला भी एक तरह से उसी रणनीति का छोटा रूप माना जा रहा है:
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गुप्त रूप से घुसपैठ,
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फिर अचानक हमला,
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और फिर स्थानीय जनता और सुरक्षाबलों में डर का माहौल पैदा करना।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस हमले का समय और स्थान इस बात का संकेत है कि आतंकी भूल-भुलैया जैसे इलाकों में छिपकर बड़े हमलों की तैयारी कर रहे हैं।
सरकार और सुरक्षाबलों की प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को कॉर्डन ऑफ करके तलाशी अभियान शुरू किया। ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद से आतंकियों की खोज की जा रही है। सरकार ने अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का निर्णय लिया है।
पहलगाम पर हुआ यह हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक संदेश है — भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को कमजोर करने की साजिश। मगर भारत की सुरक्षा एजेंसियां पहले से ज्यादा सतर्क हैं और ऐसे किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए तैयार हैं। अमरनाथ यात्रा पर हमला करके आतंकी सिर्फ भ्रम पैदा करना चाहते हैं, लेकिन पूरा देश एकजुट होकर इन प्रयासों को विफल करने के लिए खड़ा है।
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